रोज प्लेन से ऑफिस जाती है यह महिला, 600 किलोमीटर का करती है सफर
बच्चों के लिए बन गई 'सुपर ट्रैवलर'
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने ऑफिस और घर के बीच के सफर को आसान बनाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। लेकिन मलेशिया में रहने वाली भारतीय मूल की महिला रचेल कौर ने एक ऐसा तरीका अपनाया, जिसने उन्हें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया। वह हर दिन 600 किलोमीटर का सफर तय करती हैं, और वह भी फ्लाइट से! उनकी यह अनोखी दिनचर्या उन्हें ‘सुपर ट्रैवलर’ बना चुकी है।
कैसा है रचेल कौर का डेली रूटीन?
रचेल कौर का घर मलेशिया के पेनांग (Penang) शहर में है, जबकि उनका ऑफिस कुआलालंपुर (Kuala Lumpur) में स्थित है। यह दोनों शहर लगभग 600 किलोमीटर की दूरी पर हैं। रोज़ाना इतनी लंबी दूरी तय करना सुनने में ही थका देने वाला लगता है, लेकिन रचेल इसे हर दिन सफलतापूर्वक मैनेज कर रही हैं।
उनका दिन सुबह 4 बजे शुरू होता है। वह जल्दी उठकर तैयार होती हैं और फिर सुबह 5:30 बजे फ्लाइट पकड़ती हैं। लगभग एक घंटे की उड़ान के बाद वह कुआलालंपुर पहुंचती हैं और ऑफिस का काम शुरू कर देती हैं। काम खत्म करने के बाद वह शाम की फ्लाइट से वापस घर लौटती हैं और रात 8 बजे तक अपने बच्चों के साथ समय बिताती हैं।
फ्लाइट से रोज ट्रैवल करके भी कैसे बचते हैं पैसे?
यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि फ्लाइट से रोजाना सफर करने के बावजूद रचेल कौर पैसे बचा लेती हैं। उन्होंने बताया कि कुआलालंपुर में रहकर जीवनयापन करना महंगा है, खासतौर पर किराया और अन्य खर्चे। लेकिन अगर वह अपने परिवार के साथ पेनांग में रहती हैं और फ्लाइट से अप-डाउन करती हैं, तो यह काफी किफायती सौदा बन जाता है।
मलेशिया में लो-कॉस्ट एयरलाइंस जैसे एयरएशिया की वजह से हवाई यात्रा काफी किफायती हो गई है। अगर कोई पहले से टिकट बुक करे या एयरलाइंस के डिस्काउंट ऑफर का फायदा उठाए, तो यह यात्रा ट्रेन या कार से भी सस्ती पड़ सकती है।
परिवार और करियर के बीच बैलेंस की मिसाल
रचेल कौर की यह कहानी सिर्फ एक दिलचस्प यात्रा का किस्सा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी महिला की कहानी है, जो अपने परिवार और करियर के बीच बेहतरीन संतुलन बना रही है। आमतौर पर लोग परिवार के लिए करियर छोड़ देते हैं या करियर के लिए परिवार से दूर चले जाते हैं, लेकिन रचेल ने इसका एक अनोखा समाधान ढूंढ लिया।
उनकी यह कहानी न केवल वर्किंग वुमन के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही प्लानिंग और स्मार्ट फैसलों से जिंदगी को आसान बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें 'सुपर ट्रैवलर मॉम' के नाम से पहचानने लगे हैं और उनकी डेडिकेशन की तारीफ कर रहे हैं।
निष्कर्ष
रचेल कौर की कहानी हमें यह सीख देती है कि अगर इंसान ठान ले, तो कोई भी दूरी मायने नहीं रखती। रोज़ 600 किलोमीटर की हवाई यात्रा सुनने में नामुमकिन लग सकती है, लेकिन स्मार्ट प्लानिंग और कड़ी मेहनत से इसे मुमकिन बनाया जा सकता है। रचेल कौर वाकई में एक प्रेरणादायक महिला हैं, जो न सिर्फ अपने करियर बल्कि अपने बच्चों के लिए भी सुपरवुमन साबित हो रही हैं।